
स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया सी-वाई स्किन टेस्ट इंजेक्शन के उपयोग संबंधी प्रशिक्षण
अररिया, रंजीत ठाकुर अररिया में टीबी उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एक महत्वपूर्ण पहल की है। संभावित टीबी मरीजों की पहचान के लिये विभाग द्वारा सी-वाई स्किन टेस्ट इंजेक्शन उपलब्ध कराया गया है। इस नई तकनीक की मदद से प्रारंभिक चरण में ही टीबी संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा। इससे समय पर मरीजों के इलाज के साथ – साथ भविष्य में रोग को गंभीर होने से रोक जा सकेगा। इसे लेकर लेकर जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षण शुक्रवार को आयोजित किया गया है। इसमें सभी टीबी सुपरवाइजर, एसटीएलएस, एसटीएस, विभिन्न हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कार्यरत सीएचओ सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल हुए। सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सीडीओ डॉ ओपी मंडल, जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर शर्मा, माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ धीरज कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे।
प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान
सिविल सर्जन डॉ केके कश्यप ने कहा कि टीबी मुक्त भारत अभियान की सफलता के लिये प्रारंभिक अवस्था में संभावित टीबी मरीजों की खोज व उनका समुचित उपचार जरूरी है। सी-वाई स्किन टेस्ट इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल है। इसकी मदद से प्रारंभिक अवस्था में ही किसी व्यक्ति में टीबी संक्रमण का पता लगाया जा सकेगा। जो उनके जल्द उपचार में मददगार साबित होगा। दवा के एक वायल में दस लोगों की जांच किया जा सकता है।
टीबी से बचाव में कारगर साबित होगा सी-वाई स्किन टेस्ट
जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओपी मंडल ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में टीबी का प्रसार तेजी से होता है। इस कारण संक्रमित मरीजों के संपर्क में रहने वाले उनके परिजन वो अन्य सहयोगियों को टीबी संक्रमित होने का खतरा काफी अधिक होता है। सी-वाई स्किन टेस्ट से किसी व्यक्ति में टीबी का बैक्टीरिया है या नहीं इसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर ऐसे व्यक्ति को तत्काल उपचारित किया जा सकेगा। इससे रोग के प्रसार को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा।
टीबी के प्रसार को सीमित करना होगा आसान
जिला टीबी व एड्स समन्वयक दामोदर शर्मा ने कहा कि विभाग की ये नई पहल जिले में टीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा। सी-वाई स्किन टेस्ट से प्रारंभिक अवस्था में टीबी संबंधी मामलों को चिन्हित किया जा सकेगा। तत्काल जरूरी उपचार से ऐसे मरीज जल्द स्वस्थ होंगे। टीबी का प्रसार भी सीमित होगा।